संवाददाता(बस्ती) सीडीओ अरविंद कुमार पांडेय ने कहा कि एनीमिया से जंग में समाज के सभी वर्ग भागीदार बनें। स्वस्थ बच्चे ही बीमारी से जंग लड़ सकते हैं। एनीमिया मुक्त भारत अभियान को कामयाब बनाकर हम कुपोषण के अभिशाप से बच्चों को बचा सकते हैं। सीडीओ कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला टास्क फोर्स की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी परिषदीय व माध्यमिक के राजकीय व सहायता प्राप्त स्कूलों में यह कार्यक्रम प्राथमिकता के साथ चलाया जाना है। अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि स्कूलों में ऑयरन की गोलियां पहुंच गई हैं। प्रधानाचार्य व प्रधानाध्यापक अभियान में विशेष रूप से रूचि लेते हुए छात्र-छात्राओं को ऑयरन की गोलियां जरूर खिलवाएं। प्रार्थना सभा के दौरान बच्चों को कुपोषण के लक्षण व उससे बचाव का तरीका बताया जाए। उन्हें आसानी से सुलभ पोषणयुक्त भोजन के बारे में जानकारी दी जाए।
सीडीओ ने कहा कि इस तरह के अभियान में धर्म गुरुओं व सामाजिक संगठनों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो जाती है। अपील किया कि धार्मिक व सांस्कृतिक आयोजनों के दौरान अपना कर्तव्य समझते हुए लोगों को कुपोषण के प्रति जागरूक करें। लोगों को अपने बच्चों को ऑयरन की गोलियां व पौष्टिक आहार देने के लिए कहें।
डिप्टी सीमएओ आर.सी.एच डॉ. सी.के. वर्मा ने कहा कि सभी छह से 19 साल तक के किशोर-किशोरियों को ऑयरन की गोली खिलाई जानी है। यह पूरी तरह सुरक्षित है। जिले में पर्याप्त मात्रा में ऑयरन की गोलियां उपलब्ध हैं। खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय या सीधे स्वास्थ्य विभाग से संपर्क कर गोलियों को हासिल भी किया जा सकता है। सप्ताह में एक दिन यह गोली खिलाई जानी है।
सी.एम.ओ डा. एके गुप्ता, नोडल शहरी स्वास्थ्य बीएन मिश्रा, एल.के पांडेय, आलोक राय, माध्यमिक व बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ ही अन्य विभागों के अधिकारी बैठक में मौजूद रहे।
एनीमिया से जंग में भागीदार बनें समाज के सभी वर्ग- मुख्य विकास अधिकारी