संवाददाता(बस्ती)। प्याज ने फिर एक बार आखे तरेरी है बाजार मे इसकी कीमत 100 रूपये प्रति किलो को भी पार कर गई। सब्जियो मे सबसे ताकतवर प्याज ही है इसकी ताकत का अन्दाजा इसी से लगाया जा सकता है कि संसद से लेकर आम आदमी के किचन तक यह सबको रूला रही है। वही लहसुन भी 20 से 25 रूपया किलो बिकने वाला लहसुन 200 से से 250 रूपया किलो बिक रहा है। ग्राहको हालत यह है कि लोग प्याज और लहसुन का दाम पूछ तो रहे है लेकिन खरीदारी कम से कम करना चाह रहे है। अब तो ग्रहणियो के किचन से लहसुन प्याज का जायका कम तो हो ही रहा है वही घरेलू बजट भी बिगडता जा रहा है।
वही हरी सब्जिया के दाम भी आसमान छू रहे है। बाजार में पुराने आलू की कीमत 15 से 20 रूपया किलो है तो नया आलू अब भी 25 रूपया किलो है। टमाटर 30 रूपया किलो बिक रहा है। गोभी 50 रूपया प्रति किलो तो 20 रूपया किलो बिकने वाला लोबिया बोडा 10 रूपया का 250 ग्राम मिल रहा है। सब्जियो के पिछले तीन माह के दामो पर नजर डाले तो प्याज ओर लहसुन के दामो ने लोगो खूब छकाया है। प्याज कब बाजार मे 50 रूपया किलो हो जायेगा कब इसका दाम 100 रूपया किलो हो जायेगा यह थोक दुकानदार भी नही बता पा रहे है। पिछले माह प्याज के दाम बढे तो सरकार ने आम आदमी के राहत के लिए शहर में कुछ आउटलेट खुलवाये।
वह भी चन्द दिनो मे ही बन्द हो गये। उद्यान विभाग के आउटलेट पर पिछले माह तक कुल 5 कुतंल 58 किलो प्याज 40 रूपये प्रमि किलो के भाव से बिकी। जबकि कचहरी परिसर में राज्य कर्मचारी निगम के आउटलेट की बात करे तो यहां के प्रवंधक अब्दुल कयूम बताते है। पिछले तीन माह में प्याज अलग अलग दामो पर यहां ग्राहको को उपलब्ध रहा।
अक्टूबर में 38 रूपया किलो ,नवम्बर में 60 रूपये किलो तो वही दिसम्बर में प्याज 70 का आकडा पार करने को है। जब सरकारी आउटलेट पर प्याज 75 से 80 रूपये किलो है तो आम दुकानों पर 100 रूपये किलो से लेकर 120 रूपये किलेा खुलेआम बिक रहा है।
मण्डी परिषद की माने तो जनपद में प्याज के दाम बढ़ने का सिलसिला सितम्बर माहीने से शुरू हो गया था सितम्बर में 1292 कुतल प्याज 3000 हजार रूपये प्रति कुतल के साथ बिकना शुरू हुआ। अक्टूबर में 3300 रूपये प्रति कुतल तो नवम्बर में 4500 रूपये प्रति कुतल रहा। सोमवार को थोक बाजार मे प्याज की कीमत 75 से 80 रूपये प्रति कुतल रही लेकिन फुटकर दुकानो पर प्याज 100 से 120 रूपया किलो किता नजर आया।
मण्डी सचिव बजेश सिंह ने बताया कि प्याज का दाम घटने बढने से व्यापारी खरीदारी से घबरा रहे है।वही बाहर से प्याज की आवक भी कम हो रही है। वहरहाल प्याज की बढी कीमतो ने जहां लोगो खाने का जायका खराब कर दिया है बही लेागो का घरेलू बजट भी पूरी तरह गडबड होता जा रहा है।