संवाददाता(बस्ती)। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष उदयशंकर शुक्ल ने बुधवार को शिक्षक भवन पर पत्रकारों से वार्ता करते हुये कहा कि देश, प्रदेश का शिक्षक इतिहास के कठिन दौर से गुजर रहा है। उस पर जिम्मेदारियां पहले से अधिक बढी है किन्तु अधिकार लगातार छीने जा रहे हैं। यहां तक कि बुढापे की लाठी पेंशन का लाभ हासिल करने के लिये अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा देश व्यापी आन्दोलन चलाया जा रहा है किन्तु केन्द्र और राज्य सरकारें पुरानी पेंशन नीति बहाली को तैयार नहीं हो रही है। नई शिक्षा नीति के तहत 2021 से परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत अनुदेशक और शिक्षा मित्रों को बाहर कर देने का षड़यंत्र रचा जा रहा है। अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ शिक्षा मित्र और अनुदेशकों को नियमित करने की मांग को लेकर संघर्ष कर रहा है। कहा कि 2020 शिक्षकों के लिये निर्णायक साबित होगा। शीतलहर के बाद क्षेत्रीय सांगठनिक ढांचे को मजबूत बनाने के लिये अभियान तेज किया जायेगा। 14 जनवरी को जनपद के समस्त कार्यकारिणी पदाधिकारी, क्षेत्रीय अध्यक्ष, मंत्री, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष,संयुक्त मंत्री की अति आवश्यक बैठक शिक्षक भवन पर होगी। बैठक में जनपद संगठन पर महत्वपूर्ण निर्णय लिया जायेगा।
पत्रकारों के प्रश्नों का उत्तर देते हुये उदयशंकर शुक्ल ने बताया कि प्रेरणा एप, 17140 व 18150 के वेतनमान का शासनादेश जारी करने, राज्य कर्मचारियांे की भांति शिक्षकों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करने, मृत शिक्षक, शिक्षिकाओं के पाल्यों को योग्यतानुसार नियुक्ति करने, पूर्व से चतुर्थ श्रेणी पदो पर नियुक्त पाल्यों को योग्यतानुसार शिक्षक अथवा लिपिक पद पर पदोन्नति किये जाने, बीमा राशि 5 लाख किये जाने, सेवा निवृत्त एवं मृत शिक्षकों के पाल्यों के अविवाहित, तलाकशुदा, विधवा होने की स्थिति में राज्य कर्मचारियों की भांति पारिवारिक पंेशन देने, संविलयन के आधार पर प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय के समाप्त हो रहे पदों को बहाल रखने, रिक्त पद के सापेक्ष पदोन्नति आदेश जारी करने, शिक्षण कार्य के अतिरिक्त अन्य कार्य गणवेश वितरण, स्वेटर वितरण, मध्यान्ह भोजन, मतदाता सूची पुनरीक्षण आदि गैर शैक्षणिक कार्यो से शिक्षकों को मुक्त किये जाने, विद्यालयों में सूचना सम्प्रेषण एवं सुरक्षा के दृष्टिगत लिपिक एवं अनुचर तथा सफाईकर्मी की व्यवस्था करने, 2014 के बाद नियुक्त शिक्षकों का बीमा कटौती बहाल करने, पूर्व में मिल रहे परिवार नियोजन प्रोत्साहन भत्ता बहाल करने, शिक्षकों को मंहगाई भत्ते के अतिरिक्त अन्य कोई भी भत्ता केन्द्रीय शिक्षकों की भांति नहीं दिया जा रहा है, उसे केन्द्रीय शिक्षकों की भांति दिये जाने, एनपीएस के सम्बन्ध में उच्च न्यायालय के आदेश का पालन किये जाने, परिषदीय शिक्षकों को पूर्व की भांति खण्ड शिक्षा अधिकारी पद पर पदोन्नति, शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों को नियमित करते हुये वेतन भुगतान किये जाने, प्राथमिक शिक्षा में एनजीओ का हस्तक्षेप समाप्त करने आदि की मांग को लेकर 2020 में आन्दोलन की धार को तेज किया जायेगा। शिक्षकों के स्थानीय समस्याओं में सभी संवर्गो की वरिष्ठता सूची जारी कराने के लिये संघ का चरणबद्ध आन्दोलन जारी रहेगा। बताया कि आगामी 17 जनवरी को राजधानी लखनऊ के इको पार्क एक दिवसीय धरना दिया जायेगा। इसके साथ ही पुरानी पेंशन नीति बहाली की मांग को लेकर चरणबद्ध ढंग से आन्दोलन जारी रखा जायेगा।
प्रेस वार्ता के बाद शिक्षक भवन पर संघ पदाधिकारियों, शिक्षकांे की बैठक हुई जिसमें 27 फरवरी को दिल्ली के जन्तर मन्तर पर धरना प्रदर्शन की रूप रेखा एवं शिक्षकों की भागीदारीको लेकर चर्चा हुई। बैठक में जिला मंत्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह, अखिलेश मिश्र, शैल शुक्ल, इन्द्रसेन मिश्र, अभिषेक उपाध्याय, चन्द्रभान चौरसिया, आनन्द प्रताप सिंह, सन्तोष कुमार शुक्ल, विजय प्रकाश चौधरी, आनन्द दूबे, रीता शुक्ला, उमाशंकर मणि, बब्बन पाण्डेय, राधेश्याम मिश्र, सूर्य प्रकाश शुक्ल, शशिकान्त धर दूबे, रामलखन दूबे, ओम प्रकाश पाण्डेय, अजय प्रताप चौधरी के साथ ही अनेक पदाधिकारी, शिक्षक उपस्थित रहे।
शिक्षक हितों के लिये तेज होगा निर्णायक संघर्ष- उदयशंकर शुक्ल