स्वामी विवेकानन्द जयन्ती की पूर्व संध्या पर सम्मानित हुई विभूतियां

संवाददाता(बस्ती)। स्वामी विवेकानन्द जयन्ती की पूर्व संध्या एवं कायस्थ वाहिनी अन्तर्राष्ट्रीय के स्थापना दिवस पर शनिवार को नगर अध्यक्ष अम्बर श्रीवास्तव के  संयोजन में अनेक आयोजन किये गये।
स्वामी विवेकानन्द पर केन्द्रित गोष्ठी को सम्बोधित करते हुये डा. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ ने कहा कि स्वामी विवेकानंद को देश और युवाओं से काफी प्यार था और उन्होंने युवकों को प्रेरित करने के लिए काफी कुछ कहा। विवेकानंद का मानना था कि विश्व मंच पर भारत की पुनर्प्रतिष्ठा में युवाओं की बहुत बड़ी भूमिका है। उन्होने विवेकानन्द खण्ड काव्य के कुछ रचनाओं का पाठ किया ‘ जन-जन के अब हृदय का प्रेम द्वार है बन्द। आओ- आओ धरा पर पुनः विवेकानन्द’  के द्वारा संदेश दिया।
साहित्यकार सत्येन्द्रनाथ मतवाला ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने एक बार कहा था कि युवकों को गीता पढ़ने के बजाय फुटबॉल खेलना चाहिए। विवेकानंद कहते थे कि युवाओं की स्नायु पौलादी होनी चाहिए क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन निवास करता है।
गोष्ठी को सम्बोधित करते हुये पंकज भैया ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द के विचार सदैव प्रासंगिक बने रहेंगे, युवाओं को उनके विचारों से प्रेरणा लेनी चाहिये। कहा कि उन्होने ऐसे समय में भारतीय युवाओं को जगाया जब देश अनेक प्रकार की विषमताओं से गुजर रहा था।
डा. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’, सत्येन्द्रनाथ मतवाला, ताजीर वस्तवी, विनोद उपाध्याय, डा. राममूर्ति चौधरी, डा. वी.के. वर्मा, हरीश दरवेश, डा. अजीत श्रीवास्तव, डा. राजेन्द्र सिंह, अजय श्रीवास्तव ‘अश्क’ विशाल पाण्डेय, वशिष्ठ पाण्डेय ने प्रेरक कविताओें के माध्यम से विवेकानन्द का स्मरण किया। उन्हें कायस्थ वाहिनी अन्तर्राष्ट्रीय की ओर से स्मृति चिन्ह, सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। इसी क्रम में नटराज मार्शल आर्ट के छात्र-छात्राओं ने नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियां दी।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से दुर्गेश श्रीवास्तव, डा. सौरभ सिन्हा, वी.के. श्रीवास्तव, अनिल कुमार पाण्डेय, मनीष श्रीवास्तव, ऋतिकेश सहाय, शुभम श्रीवास्तव, अजय कुमार श्रीवास्तव, प्रशान्त श्रीवास्तव, रत्नम श्रीवास्तव, आलोक, विपुल श्रीवास्तव, अमर सोनी, रमेश गुप्ता, विनीत गुप्ता, भानु बरनवाल, मुकेश श्रीवास्तव, दुर्गेन्द्र श्रीवास्तव, डब्बू श्रीवास्तव, विनोद श्रीवास्तव, प्रिंस बरनवाल, नागेन्द्र मिश्र, मनोज श्रीवास्तव, संत जी नन्दन, संदीप सांई, राजकुमार, अखिल श्रीवास्तव, संगीता, ग्रन्थ अग्रवाल, रानी चौधरी के साथ ही बड़ी संख्या में कायस्थ वाहिनी अन्तर्राष्ट्रीय के पदाधिकारी एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों के लोग शामिल रहे।